- दोस्तों वैदिक काल में दुनिया के सबसे प्राचीन ग्रंथ लिखे गए हैं जिनका आज भी अध्ययन किया जाता है।
- वेद संस्कृत में लिखे गए हैं जो विश्व की सबसे पुरानी भाषा है।
- इसका कोई प्रमाण नहीं मिलता कि वेदों की रचना किसने की इसलिए ऐसा माना जाता है कि वेदों की रचना देवों ने की थी जिसका संकलन वेदव्यास द्वारा किया गया है।
- वैदिक काल में आर्य लोगों का वर्चस्व था लगभग 2000 ईसा पूर्व में यह आर्य लोग मध्य एशिया से सिंधु नदी की और बढ़े और यहीं आकर बस गए।
- आर्य स्वभाव से लड़ाकू हुआ करते थे और खानाबदोश जीवन जीते थे।
- माना जाता है कि आर्यों के आने से ही सिंधु घाटी सभ्यता का अंत हुआ था।
1 पूर्व वैदिक काल (1900 BC -1000 BC
2 उत्तर वैदिक काल (1000 BC- 600 BC )
वैदिक काल में तीन साहित्यो की रचना हुई।
- वेद
- ब्राह्मण
- उपनिषद्
1 ऋग्वेद
2 सामवेद
3 यजुर्वेद
4अथर्ववेद
ऋग्वेद -यह सबसे पहला और प्राचीन वेद है। ऋग्वेद को साहित्य में 1028 मंत्र और 10 मंडलों में विभक्त किया गया है।
- इंद्र को ऋग्वेद का पुरांगर कहा जाता है इंद्र ही ऋग्वेद के सबसे प्रमुख देवता है।
- इसमें भगवानों देवताओं को प्रसन्न करने का वर्णन है।
- सामवेद का सार ऋग्वेद से लिया गया है।
- संगीत की उत्पत्ति सामवेद से मानी जाती है।
- यज्ञ और प्रार्थना के समय किए जाने वाले गायन का वर्णन सामवेद में ही है।
यजुर्वेद
- यजुर्वेद में धार्मिक संस्कारों और नियमावली का विवरण है।
- आयुर्वेद में बली प्रथा का भी विवरण है।
- यज्ञों के समय पालन किए जाने वाले नियमों का भी विवरण यजुर्वेद में था।
- अश्वमेध यज्ञ और राजस्वी यज्ञ का विवरण भी यजुर्वेद में है।
अथर्व वेद
- अथर्ववेद में शैतान वह बीमारी को दूर करने वाले मंत्रों का वर्णन है।
- इसमें जनसामान्य में पृथक विश्वासों मान्यताओं अंधविश्वासों का भी वर्णन है।
- यह अंतिम वेद है जिसमें दुर्लभ औषधि जैसे मृत संजीवनी बूटी का भी वर्णन है।
ब्राह्मण
- ब्राह्मण का श्लोकों के रूप में वेदों का गद्दात्मक रूप में वर्णन किया जाता है।
- अरण्य ग्रंथ :- शब्द का अर्थ है वन या जंगल इसमें दार्शनिक सिद्धांतों और रहस्यवाद का वर्णन है।
उपनिषद
- उपनिषद शब्द उपनिषद धातु से बना है जिसका अर्थ है किसी के पास बैठना।
- इसमें आत्मा परमात्मा विश्व की उत्पत्ति से संबंधित प्रकृति के रहस्य तथा अन्य ग्रंथ है।
पूर्व वैदिक काल
- इस काल की जानकारी ऋग्वेद से प्राप्त होती है इसलिए इसे ऋग्वैदिक काल भी कहते हैं।
- आर्य लोग जो मध्य एशिया से आए थे सिंध नदी के पास निवास करते थे।
- ऋग्वेद में सप्तसिंधु नाम से 7 नदियों का वर्णन है झेलम,
- चिनाब, व्यास, रवि, सतलुज, सिंधु, सरस्वती।
- इस काल में आर्य लोगों का क्षेत्र पूर्व में गंगा नदी से लेकर पश्चिम में कुंभा नदी तक था।
- ऋग्वेद में सबसे अधिक सिंधु नदी का वर्णन है।
- इस काल में राजा प्रथा लोकप्रिय था इसका प्रमुख साक्ष्य 10 राजाओं का युद्ध है।
- यह युद्ध रावी नदी के तट पर हुआ था जिसमें भरत राजा सुदास की जीत हुई थी।
- आर्यों के पांच कबीले थे जिन्हें पंच जन कहा जाता था।
- सबसे छोटी इकाई परिवार की थी जिसे कुल कहा जाता था यह मौलिक इकाई थी।
- परिवार के मुखिया को कुलप या ग्रह पति कहते थे।
- परिवार या कुल मिलाकर विश्व बनाते थे विश्व मिलकर जन या कबीला बनाते थे। सबसे ऊपर राष्ट्र था।
- राजा को सम्राट या राजन के नाम से पुकारते थे।
- रिग वैदिक काल में राजा बनने की प्रथा वंशानुगत और लोकतांत्रिक दोनों थी।
- इस समय जनता की सभा कराई जाती थी जिससे समीगी कहते थे।
- इस सभा के सदस्य जनता द्वारा चुने जाते थे।
- समिति के सभापति को ईशान कहा जाता था।
- राजा मंत्री परिषद की स्थापना करता था और राजा का सबसे महत्वपूर्ण अधिकारी पुरोहित होता था।
- इस समय दूत और गुप्तचर हुआ करते थे।
- आर्य समाज पुरुष प्रधान था लेकिन महिला को यहां सामान दर्जा दिया जाता था।
- आर्य समाज में परिवार की प्रथा थी तथा पुत्र ही पैतृक संपत्ति का अधिकारी होता था।
- यहां एकल पत्नी विवाह प्रचलित था ।
- वर्ण व्यवस्था जाती के आधार पर ना होकर कर्म के आधार पर थी। मतलब जरूरी नहीं की कुम्हार का बेटा राजा नहीं बन सकता वो अपने कर्म के आधार पर जो चाहे बन सकता था।
ब्राह्मण - वे जो पंडित थे।
क्षत्रिय - सैनिक एवं राजा ।
वैश्या - व्यापारिक वर्ग।
शूद्र - कारीगर व मजदूर।
- ऋग्वैदिक काल में गाय को सबसे पवित्र जानवर माना गया था।
- यहां पर शिक्षा हेतु गुरुकुल भी थे।
धार्मिक एवं वैदिक जीवन
- इस काल में देवताओं को प्राकृतिक शक्तियों के रूप में पूजा जाता था।
- वायु देव, अग्नि देव, वरुण देव व इंद्र देव प्रमुख देवता थे।
- सबसे प्रमुख देवेंद्र थे जो बादलों के देवता थे।
- सबसे प्रसिद्ध अग्निदेव थे।
- इस काल में उषा और आदिती दो देवियां थी।
- इस समय मंदिर नहीं होते थे और मूर्ति पूजा नहीं होती थी।
- इस काल में यज्ञ का प्रचलन था गायत्री मंत्र ऋग्वेद से ही लिया गया है।
- ऋग्वेद में आर्यों के मध्य एशिया से आने का कोई वर्णन नहीं है परंतु कई भारतीय इतिहासकार मानते हैं कि आर्य भारत के ही मूल निवासी थे क्योंकि हड़प्पा और वैदिक सभ्यता में कई समानताएं थी।
उत्तर वैदिक काल
- इस काल में ब्राह्मण अरण्यक उपनिषद् की रचना की गई।
- निषाद अंतिम ग्रंथ है जिसे वेदांत भी कहते हैं जिसका अर्थ है वेदों का अंत।
- उपनिषदों की भाषा वैदिक संस्कृत नहीं बल्कि साहित्यिक संस्कृत है इसके अनुसार ब्रह्म और आत्मा एक ही है।
- जीवन का लक्ष्य मोक्ष प्राप्त करना है।
- पुनर्जन्म का विचार सबसे पहले बृहदारण्यक उपनिषद में आया है।*
- उत्तर वैदिक काल की सभ्यता पूरे उत्तर भारत में फैली थी।
- इस काल में गंगा को सभ्यता का केंद्र और सबसे प्रमुख नहीं माना जाता था।
- उत्तर वैदिक काल में राज्यों को जन कहा जाता था।
- इस काल में काशी कोसला और विदेश जन विकसित हुए जो वर्तमान उत्तर प्रदेश और बिहार है।
- इसी समय अंग और मगध की शुरुआत हुई जो सर्वाधिक शक्तिशाली राज्य बने।
राजनीति और प्रशासन
- इस काल में राजाओं की शक्तियां बड़ी और देवताओं का दर्जा उन्हें दिया गया।
- राजा के अभिषेक और राज्य तिलक के समय अश्वमेघ यज्ञ कराए जाते थे।
- इस समय लोकतांत्रिक व्यवस्था से राजा को चुना जाता था।
- राजा को सलाह देने के लिए एक मंत्री परिषद होता था।
- कानून बनाने के लिए सभा होती थी और सभा न्याय देने का कार्य भी करती थी न्याय को धर्म भी कहा जाता था।
- कुछ अपराधों के लिए मृत्युदंड भी दिया जाता था जैसे गाय की हत्या शराब का सेवन आदि।
- इस काल में वर्ण वर्ण व्यवस्था जन्म के आधार पर होती थी।
- शूद्रों का अधिशोषण शुरू हुआ और इसी काल में अस्पृश्यता की शुरुआत हुई।
आर्थिक जीवन
- फसलों की कटाई और आर्थिक लाभ के लिए उत्सव और धार्मिक क्रियाओं की शुरुआत हुई।
- धान की खेती शुरू हुई।
- माप तोल की शुरुआत हुई।
- फसलों को मौसम के अनुसार उगाया जाने लगा।
- इस काल में निषाद और सतवन मुद्रा का प्रयोग हुआ।
- लोगों से टैक्स लिया जाता था जिसे वही कहा जाता था।
विज्ञान एवं तकनीकी
- इस समय के प्रमुख विषय गणित अंकगणित लेखा गणित बीज गणित ज्योतिष विज्ञान और अंतरिक्ष विज्ञान आदि थे।
- वैदिक काल में फास्ट मैथमेटिक्स की भी खोज हुई थी।
- वैदिक काल में कैलेंडर बनाए गए जिसे पंचांग कहते हैं।
- इसी काल में चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण का पता लगाया गया।
- वैदिक काल के लोगों ने धरती के सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाने का भी पता लगा लिया था।
- चंद्रमा के पृथ्वी का चक्कर लगाने का पता भी वैदिक काल के लोगों ने कर लिया था।
- इस साल में सौर मंडल की भी खोज की जा चुकी थी।
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