हर्यक वंश
बिम्बिसार:- 15 वर्ष की आयु में शासक बना था। बिंबिसार हर्यक वंश का प्रथम शक्तिशाली शासक था। बिंबिसार ने वैवाहिक संबंधों द्वारा अपनी राजनीति को सुदृढ़ किया और समाजवादी महत्वकांक्षी को आधार बनाया। बिंबिसार ने कौशल की राजकुमारी महाकौशला और चेलना से विवाह किया। बिंदुसार ने अंग राज्य को अपने राज्य में मिला लिया। बिंदुसार गौतम बुद्ध का समकालीन था और इसलिए इसे श्रेणिक नाम दिया जाता है। 15 वर्ष की आयु में मगध साम्राज्य केशासन की बागडोर संभालने वाला बिंदुसार 52 वर्ष की आयु तक शासन करता रहा।
अजातशत्रु:-बिंबिसार के पुत्र ने उसकी कारागार में हत्या कर दी। बिंबसार के पैरों को काटकर उनके घाव पर नमक और सिरका डाल दिया तत्पश्चात उन घावों को कोयलो से जला दिया।
बिंबसार की हत्या करने के बाद अजातशत्रु मगध का शासक बना। अजातशत्रु ने साम्राज्य विस्तार की नीति को अपनाया। लिच्छवियों के आक्रमण की वजह से अजातशत्रु ने महाशिला कंठक नामक हथियार का प्रयोग किया। प्रथम बौद्ध संगीति का आयोजन राजगृह में सप्तपर्णी गुफा में अजातशत्रु के शासनकाल में हुआ था ।अजातशत्रु ने पुराणों के अनुसार 20 वर्षों तक तथा बौद्ध साहित्य के अनुसार 32 वर्षों तक शासन किया।उदायिन :- उदायिन ने 460 ई. पू में अजातशत्रु की हत्या कर दी और मगध की गद्दी पर बैठा ।उदायिन ने गंगा नदी के संगम स्थल पर कुसुमपुरा नामक नगर की स्थापना की जो बाद में पाटलिपुत्र के नाम से जाना गया।उदायिन के बाद कई हर्यक शासक मगध की गद्दी पर बैठे और अंतिम शासक नागदर्शक था जिसे दर्शक की उपाधि दी जाती है।
Very nice
ReplyDeleteEasy to understand👍
ReplyDeleteThanks
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